Home > Blog > Cancer > Cancer Treatment > इम्यूनोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स
इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार का कैंसर उपचार है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता, यानी इम्यून सिस्टम, को मजबूती देने का काम करता है। इम्यूनोथेरेपी में ऐसी दवाओं का उपयोग किया जाता है जो शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय करके कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं। इसे अन्य उपचारों जैसे कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के साथ या अकेले भी उपयोग किया जा सकता है।
थकान (Fatigue)
बुखार (Fever)
त्वचा की समस्याएं (Skin Reactions)
अपच और भूख की कमी

यदि आपको थकान, हल्का बुखार, या त्वचा पर रैशेज़ जैसे सामान्य साइड इफेक्ट्स हों, तो डॉक्टर से सलाह लें। लेकिन सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में सूजन, या लीवर और किडनी से जुड़ी समस्याएं हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

इम्यूनोथेरेपी के दौरान साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए नियमित जांच ज़रूरी है। डॉक्टर आपकी स्थिति की निगरानी करते हैं और समय पर इलाज कर सकते हैं। इसलिए, नियमित जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें। कोई नया लक्षण या असुविधा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मरीजों के लिए विशेष देखभाल के सुझाव
परिवार और दोस्तों की भूमिका
इम्यूनोथेरेपी के दौरान परिवार और दोस्तों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। उनका भावनात्मक सहारा, दवाओं की निगरानी, और हर संभव सहयोग मरीज का मनोबल बढ़ाने में मदद करता है, जिससे वह साइड इफेक्ट्स का सामना कर सकता है।
इम्यूनोथेरेपी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करके कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है। यह शरीर के इम्यून सिस्टम को इस काबिल बनाती है कि वह कैंसर कोशिकाओं को पहचान सके और उन्हें नष्ट कर सके। इम्यूनोथेरेपी कैंसर की वृद्धि को धीमा करने, रोकने, या कभी-कभी उसे पूरी तरह से समाप्त करने में मदद कर सकती है।
इम्यूनोथेरेपी आमतौर पर अंतःशिरा (IV) के माध्यम से दी जाती है, जिससे दवा सीधे रक्त प्रवाह में प्रवेश करती है। कभी-कभी इसे इंजेक्शन, ओरल पिल्स, या अन्य विधियों से भी दिया जा सकता है। उपचार की विधि और अवधि आपके कैंसर के प्रकार और उपचार योजना पर निर्भर करती है, जिसे डॉक्टर आपके लिए तैयार करेंगे।
इम्यूनोथेरेपी का मुख्य लक्ष्य कैंसर कोशिकाओं पर हमला करना है, लेकिन यह शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कुछ मरीजों को थकान, बुखार, त्वचा पर रैशेज़ या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन ये साइड इफेक्ट्स आमतौर पर अस्थायी होते हैं और उपचार के साथ नियंत्रित किए जा सकते हैं।
इम्यूनोथेरेपी का उपयोग विभिन्न स्टेज के कैंसर के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसका प्रभाव कैंसर के प्रकार और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। स्टेज 2 कैंसर में इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह निर्णय डॉक्टर द्वारा कैंसर के प्रकार, स्थिति, और अन्य कारकों के आधार पर किया जाता है।
इम्यूनोथेरेपी में कितने सत्रों की आवश्यकता होगी, यह कैंसर के प्रकार, मरीज की स्थिति और उपचार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक इम्यूनोथेरेपी दी जाती है। डॉक्टर आपकी प्रगति की निगरानी करेंगे और उपचार की अवधि तय करेंगे।
इम्यूनोथेरेपी सभी मरीजों में प्रभावी नहीं होती। यदि कैंसर कोशिकाएं इम्यून सिस्टम से बचने में सक्षम होती हैं या अगर शरीर की प्रतिक्रिया पर्याप्त नहीं होती, तो इम्यूनोथेरेपी काम नहीं कर सकती। इसके अलावा, कुछ प्रकार के कैंसर पर इम्यूनोथेरेपी का सीमित प्रभाव हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर अन्य उपचार विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
इम्यूनोथेरेपी का असर प्रत्येक मरीज में अलग-अलग होता है। कुछ मरीजों को कुछ हफ्तों के भीतर सुधार महसूस हो सकता है, जबकि अन्य को अधिक समय लग सकता है। डॉक्टर आपकी प्रगति की निगरानी करेंगे और उपचार की प्रभावशीलता का आकलन करेंगे। परिणाम दिखने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए धैर्य रखना जरूरी है।
MS, DrNB (Surgical Oncology)
डॉ. स्वाति शाह अहमदाबाद की एक प्रसिद्ध रोबोटिक यूरो और गाइनिक कैंसर सर्जन हैं। उनके पास 15+ साल का व्यापक अनुभव पेल्विक ऑनकोसर्जरी में और 10+ साल का अनुभव रोबोटिक सर्जरी में है। वह किडनी, ब्लैडर, प्रोस्टेट, गर्भाशय, अंडाशय और अन्य पेल्विक अंगों के कैंसर का इलाज करती हैं।